Wednesday, October 20, 2010

20/10/10 - a morning I never seen.

आज मेरा दिन कुछ ख़ास नहीं गया. आज स्कूल में सुबह मैं अपने दोस्तों से कह रहा था कि मैं सुबह के वक़्त खुश रहने की कोशिश करता हूँ. फिर असेम्बली के बाद हम अपनी अपनी क्लासेस में जा रहे थे कि पी.टी.आई सर ने सब पर अपना गुस्सा दिखाना शुरू कर दिया. पहले उन्होंने किसको मारा मुझे ये तो नहीं पता पर वो सबको बहुत बुरी तरह मार रहे थे. वो जब मेरी रो में आये और जब उन्होंने मुझसे आगे वाले बच्चे को मारा तब मेरा दिल धड़कना बंद हो गया और फिर मुड़कर उन्होंने मुझे देखा और मुझको डांटा तब तो मेरी हालत बिलकुल ही बदतर हो गयी पर उन्होंने मुझे पीटा नहीं. तब मेने भगवान् को शुक्रिया अदा किया. और फिर सब अपनी क्लासेस में आ गए. फिर मेने अपने एक दोस्त से पूछा की सर गुस्सा क्यों कर रहे थे तब उसने बताया की फादर (प्रिंसिपल) ने उनसे ये कहा था की तुम बिलकुल भी discipline नहीं रख रहे हो स्कूल में और इसलिए उनको गुस्सा आ गया था. फिर मैं सोचने लगा की इतनी सी बात के लिए सर ने इतने बच्चों को मारा और वो भी बिना किसी बात पर. खैर छोडो इस बात को. इस बात से मेरा पढाई में भी मन नहीं लग पाया. और इस तरह मैं सुबह के वक़्त खुश नहीं रह पाया. (पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढेगा इंडिया).

चलो आज के लिए मैं इस ब्लॉग को यही ख़तम करता हूँ. बाय.

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